आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश ने खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी

 


इंडियन मुजाहिदीन के दो कुख्यात आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश ने खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। दो आतंकियों के नाम उजागर होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने


बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है। सीमा पार से आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार भारत-नेपाल सीमा पर आतंकियों का लांचिंग पैड बन सकता है। ऐसे में खुफिया एजेंसियों को भी सक्रिय कर दिया गया है। ताकि सीमा पर निगरानी की जा सके।


भारत-नेपाल की 68 किलोमीटर की सीमा पूरी तरह से खुली है। देश पर बढ़ते आतंकी खतरे के बाद सीमा की संवेदनशीलता और बढ़ गई है। इससे पूर्व सीमा से बब्बर खालसा ग्रुप, इंडियन मुजाहिदीन ग्रुप से जुड़े आतंकी भारत-नेपाल के बढ़नी बॉर्डर से पकड़े भी जा चुके हैं, लेकिन इस बीच दो आतंकियों के घुसपैठ करने का इनपुट मिला है। इस बार दोनों आतंकियों के नाम व फोटो भी एजेंसियों के हाथ लग गए हैं। एजेंसियों का दावा है कि चिह्नित हुए आतंकी ख्वाजा मोइनुद्दीन और अब्दुल समद हैं।


ये खतरनाक आतंकी संगठन आईएस के लिए काम कर चुके हैं। वे युवाओं का ब्रेनवॉश कर आतंकवादी गतिविधियों से जोड़ने का काम करते थे। इतना ही नहीं इनका नेटवर्क पाकिस्तानी आतंकी संगठन से भी जुड़ा है। सूत्रों के अनुसार फोटो के जरिए स्थानीय एजेंसी जांच में जुट गई है। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में नए चेहरों पर नजर गड़ाए हुए है।

इसके अलावा सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसी भी अलर्ट हो गई है। सघन चेकिंग के साथ-साथ गश्त तेज कर दी गई है। एसएसबी सहायक कमांडेंट मनोज कुमार ने बताया कि एसएसबी सीमा पर पूरी तरह सक्रिय है। कुछ जानकारी मिली थी। सघन चेकिंग के साथ-साथ हर आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है।


भारत-नेपाल सीमा के बढ़नी बॉर्डर पर पाकिस्तान का कनेक्शन मिल चुका है। एक बैंक के खाते से खुफिया एजेंसियां पूरा ब्योरा मांग चुकी हैं। बताया जाता है कि उस खाते में पाकिस्तान से रुपये आए थे। इस मामले में खाते का संचालन और खाते में रुपये कहां से आए। कब-कब खाते से ट्रांजेक्शन हुआ है। इसकी पूरी डिटेल मांगी गई थी।


लखीमपुर खीरी में एटीएस की टीम ने करीब दो माह पूर्व हवाला कारोबार से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। खुलासे में यह बात सामने आई थी कि बॉर्डर से सटे जिलों में हवाला का कारोबार तेजी से चल रहा है। इसमें सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बहराइच, श्रावस्ती, बिहार के सीतामढ़ी, चंपारण आदि जिलों के नाम शामिल थे। ऐसे में जिले में ऐसे लोगों के नेटवर्क हो सकते हैं। खास बात यह है कि बॉर्डर से सटे कुछ गांवों में अचानक नवधनाढ्यों की संख्या भी बढ़ी है। उस पर भी एजेंसियां नजर रखे हुए हैं।