केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) में हेराफेरी के लिए कई कदम उठाती आई है। इसके मद्देनजर सरकार अब एक नई योजना बनाने जा रही है। इससे आपको एक करोड़ रुपये का मुनाफा होगा। इस खास योजना की शुरुआत एक अप्रैल 2020 से हो रही है।
सरकार कर रही है लॉटरी की शुरुआत
सरकार जीएसटी व्यवस्था के तहत एक ऐसी लॉटरी शुरू करने की योजना बना रही है, जिसमें हर महीने दुकानदार और खरीदार के बीच सौदे के हर बिल को लकी-ड्रॉ में शामिल किया जाएगा। इस लॉटरी में उपभोक्ताओं को एक करोड़ रुपये तक का इनाम मिल सकता है।
योजना में भाग लेने के लिए उपभोक्ताओं को किसी भी खरीद की रसीद स्कैन करके अपलोड करनी होगी। इसके लिए जीएसटी नेटवर्क एक मोबाइल एप भी विकसित कर रही है। इस एप के माध्यम से आप रसीद अपलोड कर सकेंगे। मार्च के अंत तक एंड्रॉयड और एपल के उपभोक्ताओं के लिए यह एप उपलब्ध हो जाएगी।
सबसे पहले लॉटरी में एक प्रथम विजेता चुना जाएगा। प्रथम विजेता के लिए बड़ा इनाम होगा। इसके बाद राज्यों के स्तर पर दूसरे और तीसरे विजेता भी चुने जाएंगे।
सबसे पहले लॉटरी में एक प्रथम विजेता चुना जाएगा। प्रथम विजेता के लिए बड़ा इनाम होगा। इसके बाद राज्यों के स्तर पर दूसरे और तीसरे विजेता भी चुने जाएंगे।
जीएसटी की चोरी रोकने में मिलेगी मदद
इस संदर्भ में एक अधिकारी ने बताया कि यह लॉटरी योजना ग्राहकों को दुकानों से हर खरीद का बिल व रसीद मांगने को प्रात्साहित करने के लिए बनाई जा रही है। इससे सरकार को जीएसटी की चोरी रोकने में मदद मिलेगी। अगर आप भी इसमें हिस्सा लेना चाहते हैं, तो बता दें कि इसमें भाग लेने के लिए इस तरह की कोई सीमा नहीं होगी। यानी रसीद न्यूनतम या अधिकतम किसी भी राशि की हो सकती है।
मामले में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (CBIC) के एक अधिकारी ने बीते माह कहा था कि इस लॉटरी में लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के इनाम रखे जा सकते हैं। 14 मार्च की बैठक में जीएसटी परिषद इस योजना पर अपना मत दे सकती है।
मालूम हो कि लॉटरी का पैसा मुनाफाखोरी के मामलों में जुर्माने से आएगा। जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। दंड का पैसा उपभोक्ता कल्याण कोष में रखा जाता है।
मालूम हो कि लॉटरी का पैसा मुनाफाखोरी के मामलों में जुर्माने से आएगा। जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। दंड का पैसा उपभोक्ता कल्याण कोष में रखा जाता है।